
झुलसाती गर्मी में शीतलता का अनुभव करने के लिए 10 प्राकृतिक पेय पदार्थ
आयुर्वेदानुसार ग्रीष्म ऋतु में मनुष्य का स्वाभाविक बल क्षीण होने लगता है। अत्यधिक गर्मी की वजह से शरीर में पानी की लगातार कमी होने लगती है। फलस्वरूप शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में जल की पूर्ति करने के लिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा शीतल पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिन्हें आयुर्वेद में 'पानक' भी कहा गया है।
कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा पानी शरीर के लिए हानिकारक होते हैं । अतः उनकी जगह हमें प्राकृतिक पदार्थों एवं औषधियों से निर्मित शीतल पेय ग्रहण करने चाहियें। वे हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। साथ ही, ताज़गी भी प्रदान करते हैं। आज ऐसे ही कुछ गुणकारी व घर में आसानी से बनाए जा सकने वाले देसी शीतल पेय पदार्थों के बारे में जानते हैं।
नींबू पानी
गर्मियों का मौसम हो और नींबू पानी की बात न हो - ऐसा संभव ही नहीं है। यह हमारी प्यास बुझाने के साथ - साथ जी मिचलाना, गैस, अजीर्ण इत्यादि को भी दूर करता है। भोजन में रुचि को बढ़ाता है। वात को नष्ट करता है। शरीर को ऊर्जावान बनाता है।
बनाने की विधि - 1 गिलास शीतल पानी में एक नींबू को अच्छी तरह से निचोड़ दें। फिर उसमें स्वादानुसार खांड एवं काला नमक मिलाएँ। आपका नींबू पानी तैयार है।
आम पन्ना
विटामिन सी से भरपूर आम पन्ना पीने से हमें लू (सन-स्ट्रोक) नहीं लगती है व यह भोजन को पचाकर भूख को बढ़ा देता है ।
बनाने की विधि - कच्चे आम को पानी में उबाल कर छिलका अलग कर दें। फिर गूदे को पानी में अच्छी तरह से मसलकर छान लें। उसमें भुना जीरा, काली मिर्च, काला नमक व खांड मिलाकर सेवन करें।
छाछ
यह गाँवों का प्रसिद्ध पेय है, जो आसानी से घर में बन जाता है। इसके सेवन से पेट की जलन, एसिडिटी, कब्ज़ इत्यादि दूर हो जाती है। यह गर्मी में सर्वश्रेष्ठ पाचक का काम कर, हमारी पाचन शक्ति को मज़बूत बनाता है।
बनाने की विधि- ताज़ी दही में दुगुना पानी मिला लें। फिर अच्छी तरह से मथनी या मशीन से मथ लें। उसमें भुना जीरा, थोड़ी सी हींग व काला नमक डाल लें।
सत्तू का शर्बत
यह पेट की गर्मी को शांत करता है, इस कारण से इसे stomach coolant (उदर शीतलक) भी कहा जाता है। यह जौ या चने को भूनकर व पीसकर तैयार किया जाता है। यह शीतलता प्रदान करने व भूख को शांत करने वाला होता है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी उत्तम पेय है।
बनाने की विधि - चने या जौ के सत्तू को पानी में घोल लें। उसमें खांड, नींबू का रस, पुदीना पाउडर या चटनी व स्वादानुसार काला नमक मिलाकर सेवन करें।
पुदीने का शर्बत
प्राकृतिक रूप से पुदीने में पिपरमेंट होता है। इस कारण गर्मी में यह शीतल व अत्यधिक फायदेमंद होता है। यह लू लगने, बुखार, सिर दर्द, जलन, उल्टी इत्यादि में शीघ्र लाभ पहुँचाता है। शरीर को ठंडक देता है।
बनाने की विधि- पुदीने की पत्तियों को अच्छी तरह धोकर एवं पीसकर पानी में घोल लें। फिर भुना हुआ जीरा व काला नमक मिलाकर पिएँ ।
बेल का शर्बत
गर्मी में लू लगने से अतिसार, पेचिश, अल्सर एवं रक्त विकार सम्बन्धी रोग हो जाते हैं। ऐसे में, बेल का शर्बत काफी फायदेमंद होता है। यह सभी के लिए अत्यन्त गुणकारी व शीतलता प्रदान करने वाला शर्बत है।
बनाने की विधि - सबसे पहले बेल का गूदा निकाल लें। फिर उसमें दुगुना पानी मिलाकर अच्छी तरह से उसे मसल लें। छलनी से छान लें। आवश्यकतानुसार मीठा (गुड़, खांड, शक्कर) मिलाकर सेवन करें।
गुलाब शर्बत
गुलाब अपने सौम्य व शीतल गुणों के कारण शरीर को तरोताज़गी प्रदान करता है। इसका शर्बत पेट की जलन को दूर कर शरीर को ठंडक देता है। गर्मी के कारण जो सिर दर्द, थकान, मुँह का सूखना इत्यादि समस्याएँ होती हैं- उनको यह शरबत दूर कर शरीर के ताप को संतुलित रखता है।
बनाने की विधि - एक बर्तन में पानी व खांड मिलाकर चाशनी बना लें। फिर उसमें गुलाब का अर्क, इलायची पाउडर एवं ताज़ी गुलाब की पत्तियों का पेस्ट डालें। उसके बाद उसे छानकर रख लें। आवश्यकतानुसार पानी या दूध में इसे मिलाकर पी सकते हैं।
ब्राह्मी - बादाम शर्बत
ब्राह्मी - बादाम शर्बत शरीर को ऊर्जावान बनाता है। गर्मी में शीतलता प्रदान करने के साथ, यह स्मरण शक्ति का भी विकास करता है । अत्यधिक मानसिक परिश्रम व गर्मी के कारण क्रोध, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन इत्यादि लक्षण देखे जाते हैं। ब्राह्मी - बादाम शर्बत उनको दूर कर शरीर को स्वस्थ एवं मन को प्रसन्न रखता है।
बनाने की विधि - एक बर्तन में पानी व खांड मिलाकर चाशनी बना लें। फिर उसमें जल, बादाम पाउडर, ब्राह्मी काढ़ा, इलायची, पुदीना इत्यादि को अच्छी तरह से मिला लें। इस मिश्रण को छानकर फ्रिज में रख दें। जब भी सेवन करना हो, थोड़े से मिश्रण को दूध या पानी में मिलाकर ग्रहण करें।
ऐलोवेरा जूस
यह जूस गर्मी से होने वाले त्वचा के गहरेपन ( स्किन टैनिंग ) को दूर करता है। यह पाचन तंत्र को मज़बूत करता है। गर्मी में शरीर से पानी ज़्यादा निकलने के कारण त्वचा रूखी हो जाती है। यह रूखेपन को कर त्वचा को मुलायम रखता है।
बनाने की विधि- ऐलोवेरा के काँटेदार भाग को काटकर निकाल दें। फिर बाहरी छिलके से गूदा निकालकर गूदे को पानी सहित मिक्सी में चला दें। फिर उसमें नींबू रस, पुदीना, थोड़ा सा नमक या शहद डाल लें।
तरबूज का शर्बत
तरबूज में 92% तक पानी होता है। गर्मी में इसके सेवन से शरीर में जल की मात्रा संतुलित रहती है। तरबूज एंटीऑक्सीडेंट्स एवं पोटैशियम से भरपूर होने के कारण शरीर को तरोताजा रखता है एवं हृदय के लिए लाभप्रद है।
बनाने की विधि - तरबूज के छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। उन्हें मिक्सर में अच्छी तरह से पीस लें। फिर छानकर उसमें स्वादानुसार सेंधा नमक, भुना जीरा आदि डालकर ग्रहण कर सकते हैं।
प्राकृतिक पदार्थों से निर्मित ये सभी देसी शीतल पेय न सिर्फ हमें गर्मी के ताप से बचाते हैं बल्कि हमारे शरीर को ऊर्जा भी देते हैं और आरोग्यवान भी बनाते हैं।
नोट - इस ग्रीष्म ऋतु में श्री आशुतोष महाराज आयुर्वेदिक फार्मेसी द्वारा आप व आपके पूरे परिवार के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए हैं, अनेक शीतल पेय पदार्थ। जैसे संजीविका गुलाब शर्बत, संजीविका संतरा शर्बत, संजीविका ब्राह्मी बादाम, संजीविका जीरा अमृत, संजीविका ऐलोवेरा स्वरस, संजीविका आँवला स्वरस इत्यादि । ये सभी शीतल पेय संजीविका की वेबसाइट www.sanjeevika.com पर उपलब्ध हैं।
Available Online:
Sanjeevika Gulab Sharbat: https://www.sanjeevika.com/gulab-sharbat-750ml/
Sanjeevika Brahmi Badam Sharbat: https://www.sanjeevika.com/brahmi-badam-750ml/
Sanjeevika Jeera Amrit: https://www.sanjeevika.com/jeera-amrit-750ml/
Sanjeevika Orange Sharbat: https://www.sanjeevika.com/orange-sharbat-750ml/